महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए बिहार सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है, जिसका नाम है मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना। यह योजना विशेष रूप से उन छात्राओं के लिए बनाई गई है जो सिविल सेवा परीक्षाओं जैसे यूपीएससी और बीपीएससी की तैयारी कर रही हैं। योजना का उद्देश्य न केवल आर्थिक सहायता देना है, बल्कि महिलाओं को समाज में एक सम्मानजनक स्थान दिलाना भी है।
यूपीएससी और बीपीएससी की तैयारी कर रहीं छात्राओं को मिलती है आर्थिक सहायता
इस योजना के अंतर्गत वे छात्राएं जो UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की प्रारंभिक परीक्षा पास करती हैं, उन्हें ₹1 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाती है। वहीं, BPSC (बिहार लोक सेवा आयोग) की प्री परीक्षा पास करने वाली छात्राओं को ₹50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। यह पहल महिलाओं को उच्च स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में आर्थिक रूप से सक्षम बनाती है, जिससे वे बिना किसी वित्तीय दबाव के अपने लक्ष्य को हासिल कर सकें।
महिलाओं के सर्वांगीण विकास का लक्ष्य
मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना का मूल उद्देश्य केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है। इसका दायरा सामाजिक, आर्थिक और मानसिक सशक्तिकरण तक फैला हुआ है। यह योजना बाल विवाह, लिंग भेदभाव और घरेलू हिंसा जैसी सामाजिक कुरीतियों से लड़ने के लिए महिलाओं को आत्मबल देती है। साथ ही महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने का कार्य भी करती है।
योजना में मिलती हैं अतिरिक्त सुविधाएं
योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति के अलावा अन्य कई महत्वपूर्ण सुविधाएं भी दी जाती हैं। इनमें कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल की सुविधा, छोटे बच्चों के लिए चाइल्ड केयर सेंटर, संकट की स्थिति में शॉर्ट स्टे होम और डिफेंस होम शामिल हैं। इसके साथ ही, मानसिक, कानूनी और सामाजिक सहायता भी सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाती है, ताकि महिलाएं हर परिस्थिति में खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।
स्वरोजगार की ओर एक और मजबूत कदम
मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना महिलाओं को रोजगार देने के साथ-साथ स्वरोजगार के अवसर भी प्रदान करती है। इसके तहत महिलाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है और उनके खुद का काम शुरू करने के लिए लोन व सब्सिडी दी जाती है। यह सुविधा खासतौर पर उन महिलाओं के लिए बेहद लाभकारी है, जो नौकरी के बजाय अपना व्यवसाय स्थापित करना चाहती हैं। यह न केवल उनके परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त बनाता है बल्कि समाज में भी उनका योगदान बढ़ाता है।
कौन महिलाएं ले सकती हैं योजना का लाभ
इस योजना का लाभ वही महिलाएं ले सकती हैं जो बिहार राज्य की स्थायी निवासी हैं और उन्होंने यूपीएससी या बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास की हो। इसके अतिरिक्त किसी तरह की आय, जाति या वर्ग का कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। योजना सभी वर्गों की योग्य महिलाओं के लिए समान रूप से खुली है। केवल शैक्षणिक प्रमाणपत्र और परीक्षा उत्तीर्ण होने का प्रमाण आवश्यक होता है।
आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों में उपलब्ध
मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना में आवेदन की प्रक्रिया को बेहद सरल और पारदर्शी बनाया गया है। महिलाएं ऑनलाइन आवेदन के लिए बिहार समाज कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकती हैं। वहीं जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है, वे अपने प्रखंड के RTPS काउंटर या वन स्टॉप सेंटर पर जाकर ऑफलाइन आवेदन फॉर्म भर सकती हैं। यह व्यवस्था खासकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए बेहद उपयोगी सिद्ध हो रही है।
जरूरी दस्तावेजों की सूची
आवेदन के दौरान कुछ आवश्यक दस्तावेजों की मांग की जाती है, जिनमें आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक की कॉपी, राशन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो और संबंधित परीक्षा के शैक्षणिक प्रमाणपत्र शामिल हैं। सभी दस्तावेज स्पष्ट और सही होने चाहिए क्योंकि उन्हीं के आधार पर सरकार सहायता राशि लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर करती है।