प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के माध्यम से, कारीगर आसानी से 5% की रियायती ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का लोन लें सकते हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य
पीएम विश्वकर्मा योजना का मुख्य उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपने कौशल और व्यवसाय को बढ़ावा दे सकें। इस योजना के तहत, सरकार कारीगरों को बिना गारंटी के 5% की ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का लोन देती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभ
कम ब्याज दर पर लोन: कारीगरों को 5% की रियायती ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का लोन मिलता है।
बिना गारंटी के लोन: इस योजना के तहत लोन प्राप्त करने के लिए किसी गारंटी की आवश्यकता नहीं होती।
कौशल विकास प्रशिक्षण: लाभार्थियों को बेसिक और एडवांस्ड स्किल ट्रेनिंग प्रदान की जाती है, जिसके दौरान उन्हें प्रतिदिन 500 रुपये का स्टाइपेंड मिलता है।
आधुनिक उपकरणों के लिए सहायता: कारीगरों को टूलकिट खरीदने के लिए 15,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है।
पात्रता मानदंड
आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
आवेदक को पारंपरिक कारीगर या शिल्पकार होना चाहिए, जैसे बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार आदि।
आवेदक ने पिछले 5 वर्षों में केंद्र या राज्य सरकार की समान क्रेडिट-आधारित योजनाओं के तहत ऋण नहीं लिया होना चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया
पंजीकरण: आवेदक को अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर या pmvishwakarma.gov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा।
आवश्यक दस्तावेज: आधार कार्ड, पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, पासपोर्ट साइज फोटो और मोबाइल नंबर की आवश्यकता होगी।
प्रमाण पत्र और आईडी: पंजीकरण के बाद, आवेदक को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और डिजिटल आईडी प्रदान की जाएगी।
लोन आवेदन: प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद, आवेदक लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। पहली किस्त में 1 लाख रुपये का लोन मिलेगा, जिसे 18 महीने में चुकाना होगा। समय पर भुगतान करने पर दूसरी किस्त में 2 लाख रुपये का लोन मिलेगा, जिसे 30 महीने में चुकाना होगा।